Summary
पहाड़ के एक मरते हुए गांव की कहानी, जिसको हर साल कोई न कोई परिवार छोड़ रहा है, मगर एक शख्स कसम खाकर बैठा है कि वो इस गांव को कभी नहीं छोड़ेगा, पर एक दिन उसकी इस कसम का ऐसा इम्तहान होता है कि उसकी कसम टूटने पर आ जाती है, कभी धन धान्य, परस्पर स्नेह व खुशहाली से भरपूर गांव के उजाड़ होने की मार्मिक कहानी.